संतकबीरनगर विद्यालय के बच्चों को दिए गए यातायात के नियमों के टिप्स
संतकबीरनगर।सड़क सुरक्षा का मतलब है सड़क पर सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से चलना। दूसरे शब्दों में, इसका मतलब है खुद को नुकसान से सुरक्षित रखना। चूंकि सड़क चलती गाड़ियों से भरी होती है, इसलिए किसी भी चोट या क्षति को रोकने के लिए हर समय सतर्क रहना आवश्यक है। सड़कों पर सुरक्षित रहने के लिए, हमें सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना आवश्यक है।नियम सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति पर लागू होते हैं, चाहे वे कोई भी हों। चाहे आप पैदल चल रहे हों या कार चला रहे हों, आपको सुरक्षित यात्रा के लिए सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए। उक्त बातें यातायात प्रभारी परमहंस ने ग्लोबिन बुड्रस एकेडमी और सीटी पब्लिक स्कूल में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे सागर सेवा ट्रस्ट की पहल की भी सराहना की।
यातायात माह के तहत सोमवार को संत कबीर नगर जनपद के ब्लूमिंग गुड्स एकेडमी और सिटी पब्लिक स्कूल में यातायात पुलिस और सागर सेवा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया गया। मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य एवं सड़क सुरक्षा के लिए सर्वोपरि संस्था सागर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष हाइवे देवदूत प्रमोद ओझा ने कहा कि हर साल होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े काफी चिंताजनक हैं। यह सड़क सुरक्षा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा बनाता है, खासकर हमारे देश में। इसलिए, सड़क सुरक्षा का अभ्यास करने के लिए, माता-पिता को अपने बच्चों को यातायात नियमों के बारे में सिखाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करती है। लोगों को कम ध्यान से सड़क पार करते देखना एक आम दृश्य है। वे ट्रैफ़िक लाइट पर ध्यान नहीं देते हैं और लापरवाही से सड़क पार करते हैं। इससे कभी-कभी दुखद दुर्घटनाएँ होती हैं और नुकसान सहना बहुत दर्दनाक होता है। सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करती है कि हम पैदल चलने वालों के नियमों के बारे में जानें और सुरक्षित रहने के लिए उनका पालन भी करें। यातायात प्रभारी परमहंस ने कहा कि सड़क सुरक्षा विद्यालय के बच्चों के लिए भी ज़रूरी है। बच्चे अपने आस-पास की चीज़ों को देखते हैं और उन चीज़ों का अनुसरण करते हैं जिन्हें वे बड़े होते हुए देखते हैं। नतीजतन, अगर हम उन्हें सड़क पर एक निश्चित तरीके से व्यवहार करना सिखाएँ, तो वे ज़िम्मेदारी की आदतें विकसित करेंगे।
इस प्रकार, यह दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लंबे समय में बहुत उपयोगी हो सकता है। इस प्रकार, यह उनके भविष्य को भी सुरक्षित करता है। यातायात जागरूकता कार्यक्रम में बच्चों को यातायात के नियमों की शपथ भी दिलाई गई। और उनसे कहा गया कि वह अपने परिवार में पहल करें कि अगर बिना हेलमेट के कोई भी सदस्य मोटरसाइकिल से निकल रहा है तो उसे टोके और रोके। यातायात के संकेतांक के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी गई और कहा गया की 18 वर्ष के उम्र के काम और बिना लाइसेंस के मोटरसाइकिल का उपयोग बच्चे न करें। विद्यालय के प्रधानाचार्य शैलेश तिवारी और सिटी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया।