पर्यावरण संरक्षण पर मंथन, पौध- झोला वितरण के साथ पर्यावरण बचाने का लिया संकल्प
बस्ती: विश्व पर्यावरण दिवस माह के अवसर पर युवा विकास समिति द्वारा विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली के सहयोग "भूमि बहाली मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन" विषय पर केन्द्रित पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन सोमवार को प्रेस क्लब बस्ती में किया गया। जिसमें पर्यावरण संरक्षण विषय पर मंथन के साथ पौधरोपण व झोला वितरण, भी किया गया।
सतत विकास के लिए एक बड़ी बाधा
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण और सूखा एक मूक एवं अदृश्य संकट है। यह लोगों और ग्रह को प्रभावित करता है। चूंकि मानव जीवन को कई आवश्यक गतिविधियों के लिए उपजाऊ और उत्पादक भूमि की आवश्यकता होती है। इसलिए मरुस्थलीकरण सतत विकास के लिए एक बड़ी बाधा है। गरीबी, खराब स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा की कमी, जैव विविधता की हानि, पानी की कमी, जबरन पलायन और जलवायु परिवर्तन या प्राकृतिक आपदाओं के प्रति कम लचीलापन को बढ़ाता है।
पर्यावरण की सुरक्षा केवल पेड़ पौधे लगाने से
विशिष्ठ अतिथि डॉ. नवीन सिंह कहा कि अनुमान बताते हैं कि मानव-प्रेरित भूमि क्षरण दुनिया भर में कम से कम 1.6 बिलियन हेक्टेयर को प्रभावित करता है, जिसका सीधा असर 3.2 बिलियन लोगों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा केवल पेड़ पौधे लगाने से ही नहीं होगी। इसके लिए हम लोगों को अपने आसपास के वातावरण को भी सुरक्षित करना होगा। डॉ. वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी नें कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा का मतलब मात्र पेड़-पौधा लगाना ही नहीं है। इसमें बिजली बचाना, पानी बचाना भी शामिल है। हम सबों को प्रतिज्ञा लेनी होगी कि अपने घरों के आसपास कम से कम पांच पौधे लगायें एवं उसे संरक्षित रखें।
हमारी भूमि हमारा भविष्य
पर्यावरणविद मंगला प्रसाद मौर्य नें बताया कि पर्यावरण को लेकर हमारा नारा है हमारी भूमि हमारा भविष्य इसी को लेकर भूमि को संरक्षित करने के लिए जगह-जगह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। लोगों को पर्यावरण के प्रति सचेत किया जा रहा है। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि वृक्ष लगाने और बढ़ाने से पर्यावरण का संरक्षण।
पर्यावरण को संरक्षित करने के लिय अपील
गरुन्ध्वज पाण्डेय ने कहा कि कई बार वृक्षों को अपरिहार्य कारण से काटना पड़ता है लेकिन उसके स्थान पर अन्य वृक्ष भी लगाए जाते हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि आने वाले बारिश के मौसम में ज्यादा से ज्यादा वृक्षों को लगाने का कार्य करें और पर्यावरण को संरक्षित करने में अपनी भूमिका अदा करें।
इस मौके पर बृहस्पति कुमार पाण्डेय, अनुराग कुमार श्रीवास्तव, संध्या दीक्षित, अहमद अली, विजेंद्र बहादुर पाल, अरुण कुमार, राकेश गिरि, राजेन्द्र सिंह, प्रशांत द्विवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। गोष्ठी के बाद में काफी संख्या में आम के पौधे लगाये वितरित किया गया। पर्यावरण संरक्षण पर पेंटिंग बनाने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया जिसमें अदम्य पाण्डेय , अक्षत पाण्डेय , हर्ष देव पाण्डेय व तूलिका को प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया।