Indian Air Defence Systems: भारत पर इजरायल जैसा हमला हुआ तो क्या काम कर पाएंगे हमारे 'रक्षा कवच

 Indian Air Defence Systems: भारत पर इजरायल जैसा हमला हुआ तो क्या काम कर पाएंगे हमारे 'रक्षा कवच'

   भारत पर अगर इजरायल जैसा हमला हो तो क्या भारतीय मिलिट्री के एयर डिफेंस सिस्टम लोगों को दुश्मन की मिसाइलों और ड्रोन हमलों से बचा पाएंगे।  भारत के पास कितने प्रकार के एयर डिफेंस सिस्टम हैं. वो किस तरह से काम करते हैं। उनकी रेंज क्या है। 

आइए जानते हैं 

भारत में कई स्तर पर काम करने वाले एयर डिफेंस सिस्टम हैं। पहला- लॉन्ग रेंज इंटरसेप्शन यानी इंडियन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम  दूसरा- इंटरमीडिएट इंटरसेप्शन यानी S-400 ट्रिम्फ एयर डिफेंस सिस्टम. तीसरा- शॉर्ट रेंज इंटरसेप्शन यानी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम और उसके जैसे अन्य। चौथा- वेरी शॉर्ट रेंज इंटरसेप्शन यानी मैनपैड्स और एंटी-एयरक्राफ्ट गन्स। 


  इस प्रोग्राम के तहत कई रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए डिफेंस सिस्टम बनाया गया है. इसके लिए दो लेयर वाली इंटरसेप्टर मिसाइलें बनाई गईं। 

    ये हैं- पृथ्वी एयर डिफेंस, जिसकी मिसाइलें बेहद अधिक ऊंचाई पर जाकर दुश्मन टारगेट को बर्बाद कर सकती हैं।  दूसरा है एडवांस्ड एयर डिफेंस, इसकी मिसाइलें कम ऊंचाई वाले टारगेट्स को मार गिराने के लिए बनाई गई हैं। 

ये मिसाइल सिस्टम 5 हजार किलोमीटर या उससे ज्यादा दूरी से आने वाली हवाई खतरों को हवा में ही खत्म कर देती हैं. क्योंकि भारत को हमेशा से पाकिस्तान और चीन की बैलिस्टिक मिसाइलों को खतरा बना हुआ है। PAD सिस्टम की मिसाइलों की रेंज 300 से 2000 किलोमीटर है।  ये जमीन से 80 किलोमीटर ऊपर दुश्मन टारगेट को नष्ट कर सकते हैं ये मिसाइलें 6174 km/hr की स्पीड से दुश्मन की तरफ बढ़ती हैं।  इसमें पृथ्वी सीरीज की सभी मिसाइलें शामिल हैं। अगर एडवांस्ड एयर डिफेंस यानी AAD की बात करें तो इसकी मिसाइलें वायुमंडल के नीचे अधिकतम 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक टारगेट को ध्वस्त कर सकती हैं। इनकी ऑपरेशनल रेंज 150 से 200 किलोमीटर है. ये मिसाइलें 5556 km/hr की स्पीड से दुश्मन की तरफ बढ़ती हैं। 

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