शहरी 2.0 में बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को प्राथमिकता
लखनऊ : बेघर लोगों को छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 के पात्रों के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। शासन ने योजना की पात्रता, चयन और आवासों के निर्माण को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इस बार स्पेशल फोकस ग्रुप को प्राथमिकता दी जाएगी। स्पेशल फोकस ग्रुप में विधवाएं, अविवाहित महिलाएं, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, समाज के अन्य कमजोर व वंचित वर्ग, सफाई कर्मी, पीएम स्वनिधि योजना से लाभान्वित स्ट्रीट वेंडर, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी कामगार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, श्रमिक, झुग्गियों में रहने वाले लोग शामिल हैं।
लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) योजना और किफायती आवास (एएचपी) योजना में वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार रुपये और विधवा व तीन तलाक या अन्य कारणों से परित्यकता श्रेणी की एकल महिलाओं को 20 हजार रुपये का विशेष अनुदान दिया जाएगा।
बीएलसी योजना में 12 माह या उससे कम समय में आवास पूर्ण करने वाले लाभार्थी को 10 हजार रुपये की पुरस्कार की अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी। इस योजना का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने यूनीफाइड वेब पोर्टल पिछले साल 17 सितंबर को लांच किया था। इस पर पांच दिसंबर से 21 जनवरी तक उत्तर प्रदेश से कुल 5,27,656 आवेदन आ गए हैं।
इस योजना के लिए सालाना तीन लाख रुपये की आय वाले परिवार दुर्बल आय वर्ग में, तीन से छह लाख रुपये की आय वाले परिवार निम्न आय वर्ग में और छह से नौ लाख रुपये तक की आय वाले परिवार मध्यम आय वर्ग में शामिल किए जाएंगे। जिला स्तर पर पात्रों के चयन के लिए कमेटी बनेगी जिसमें जिलाधिकारी या नगर आयुक्त अध्यक्ष होंगे। गैर नगर निगम क्षेत्र में अधिशासी अधिकारी और नगर निगम के क्षेत्र में अध्यक्ष की ओर से मनोनीत व्यक्ति और परियोजना अधिकारी सदस्य होंगे।