सामूहिक दुष्कर्म का झूठा मुकदमा लिखाने पर युवती को भेजा जेल
कानपुर। कूटरचित प्रपत्रों के सहारे सामूहिक दुष्कर्म व पास्को एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने वाली 24 वर्षीय युवती को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
उसके विरुद्ध हाई कोर्ट के निर्देश पर कोतवाली में पहले ही मुकदमा दर्ज था। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। इस मामले के तीन साजिशकर्ताओं को पुलिस पहले ही गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। छह फरवरी 2024 को कालपी क्षेत्र की रहने वाली युवती ने पांच नामजद लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था।
न्यायालय के आदेश पर कालपी थाने में 31 अक्टूबर 2024 को सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में पांचों पीड़ितों ने हाई कोर्ट की शरण ली थी। आरोपितों की ओर से दायर याचिका में हाई कोर्ट ने निर्देशित किया कि सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा लिखाने वाली युवती और उसके तीन गवाहों की ओर से प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी हैं। कोर्ट के आदेश पर तीन माह पहले पीड़िता व उसके तीन साथियों पर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का कालपी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।
मुकदमे की विवेचना
दुष्कर्म से संबंधित मुकदमे की विवेचना अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक मो अशरफ कर रहे थे। पुलिस जांच में पता चला कि कालपी के मुहल्ला दमदमा में पीड़िता के नाम की कोई युवती नहीं रहती है। राजफाश के लिए पुलिस के साथ सर्विलांस, एसओजी को लगाया गया। जांच में पीड़िता के जालौन नगर में रहने की बात सामने आई थी। पुलिस ने युवती के सहयोगी आरोपित कालपी के रावगंज मुहल्ला निवासी विजय कुमार को 25 नवंबर व उरई शहर के तुलसीनगर निवासी कपिल सिंह चौहान व नवीन कुमार को 12 जनवरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
पूछताछ में पुलिस को बताया
इस मामले में युवती को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। युवती ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि नवीन विश्वकर्मा व उसके दो साथी कपिल सिंह और विजय कुमार ने उसकी व सहेली की एक साल पहले आपत्तिजनक फोटो व वीडियो बना लिया था। तीनों ने उत्पीड़न की धमकी देकर कहा था कि हम लोग जैसा कह रहे हैं वैसा करो, नहीं तो बदनाम कर देंगे। तीनों आरोपितों ने रंजिश के चलते कालपी के पांच लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाया था। उन लोगों ने ही उसका पता गलत दर्ज कराया था।
एएसपी प्रदीप कुमार ने बताया
एएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि जांच में दुष्कर्म का मामला फर्जी मिलने पर युवती व उसके तीन सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कराने संबंधी धारा में मुकदमा दर्ज किया था।